मेट्रो रेल के बाद अब हाई कैपेसिटी बसें
- दिल्ली में अब हाई कैपेसिटी बस प्रणाली नवंबर से शुरू होगी। चौड़े दरवाजे वाली अलग तरह की 15 बसें तैयार की जा रही हैं। इसके लिए 132 किलोमीटर के कोरिडोर की पहचान कर ली गई है। शुरू में ये आंबेडकर नगर से अंतरराज्यीय बस अड्डे के बीच (19 किलोमीटर) चलेंगी। दिल्ली के परिवहन, ऊर्जा और पर्यटन मंत्री अजय माकन द्वारा मीडिया को इस संबंध में दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार ने परिवहन की समस्या से दिल्ली वालों को निजात दिलाने, प्रदूषण कम करने और फ्लाईओवर के निर्माण से यातायात को सुगम बनाने का प्रयास किया है।
- बताया जाता है कि मेट्रो रेल से लोगों की काफी उम्मीदें हैं। सरकार का प्रयास है लोगों की जरूरतों के मुताबिक परिवहन व्यवस्था में सुधार होता रहे। जहां मेट्रो की सुविधा फिलहाल नहीं होगी वहीं उसी तरह की परिवहन व्यवस्था शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार ने राइट्स से आईआईटी के सहयोग से सर्वेक्षण कराया। उसके तहत 132 किलोमीटर कोरिडोर की पहचान की गई। जिस पर उच्च क्षमता वाली बसें चलाई जाएंगी। इन बसों के चलाने का सीधा लक्ष्य यह है कि दोपहिया चालकों को बसों में बैठने के लिए प्रेरित किया जाए। जो बसें राजधानी में चल रही हैं। वह ट्रक की चेसिस पर बनी हैं। इसलिए इन बसों में बीमार और अपंग यात्रियों को चढ़ने में परेशानी होती हैं। Read also
- हाई कैपेसिटी बसें मौजूदा बसों से 35 से 40 प्रतिशत तेज होगी। इसके लिए सड़क पर अलग ट्रेक बना होगा और बस स्टाप के लिए सड़क के बीच में प्लेटफार्म बनेगा। जहां दोनों तरफ के यात्री खड़े रहेंगे। प्लेटफार्म की बनावट ऐसी होगी कि बस के पायदान की ऊंचाई और प्लेटफार्म बराबर होंगे।
- नई बस की कीमत 35 लाख रुपए है। इसमें गैस सिलेंडर ऊपर है। यह हर तरह से आरामदायक बनाई गई है। इसमें आसानी से 100 से 130 यात्री सफर कर सकेंगे। इसे मेट्रो के रास्ते से भी जोड़ा जाएगा। इसके साथ-साथ उसी रास्ते पर चलने वाली दूसरी बसों के लिए भी रास्ता दिया • जाएगा। अभी टेल्को को बसें बनाने का ठेका दिया गया है। 15 बसें नवंबर तक आ जाएंगी। नवंबर में आंबेडकर नगर से बस अड्डे तक के रास्ते पर ये बसें दौड़ने लगेंगी। 132 किलोमीटर के कोरिडोर में 32 किलोमीटर इलेक्ट्रिक ट्राली बस चलेंगी। इसकी शुरुआत हरिनगर से केंद्रीय सचिवालय तक होनी है। इन्हें चलाने का काम बीएचईएल को सौंपा गया है। Jamun के साथ कभी नहीं खानी चाहिए ये 4 चीजें, सेहत पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव, जानिए कौनसे हैं ये फूड
- दिल्ली के परिवहन मंत्री के अनुसार उनकी सरकार ने डीटीसी को वापस पटरी पर ला दिया है। 14 साल बाद डीटीसी के लिए पहला डिपो पूर्वी विनोद नगर में शुरू किया गया। इससे पहले डिपो बेचने और निजीकरण की अफवाहें उड़ती रही हैं। पहली बार डीटीसी की 3200 बसें सड़कों पर चालू हालत में हैं। इनमें 400 वे बसें भी शामिल होंगी। पिछले महीने डीटीसी की आमदनी 3100 करोड़ रुपए हुई जो एक रिकार्ड है। साढ़े चाल सालों में 82 हजार व्यावसायिक वाहनों को सीएनजी पर लाया गया। आरटीवी सहित 14 हजार बसें चल रही हैं। Read also
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